7-8 घंटे सोने के बाद भी उठते समय महसूस होता है चिड़चिड़ापन, तो सोते समय करें ये काम
साउंड स्लीप के लिए क्या करें?
कुछ लोगों को कई घंटों की नींद लेने के बाद भी उठते समय अक्सर चिड़चिड़ापन महसूस होता है। अगर आप भी इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आप साउंड स्लीप नहीं ले पा रहे हैं। अगर आपकी नींद की गुणवत्ता अच्छी होगी यानी अगर आप 7 से 8 घंटे की साउंड स्लीप ले पाएंगे, तो आपकी नींद सही मायने में पूरी हो पाएगी और उठते समय आपको रिलैक्स्ड महसूस होगा।
गौर करने वाली बात
उठते समय थकान, चिड़चिड़ापन या फिर कमजोरी महसूस होने का मतलब है कि आपकी नींद की क्वालिटी खराब है। अगर आपने समय रहते अपनी नींद की गुणवत्ता को नहीं सुधारा तो आपकी फिजिकल हेल्थ के साथ-साथ आपकी मेंटल हेल्थ भी बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है। रात में बिस्तर पर लेटकर आपको एक छोटा सा काम करना है और आपकी स्लीप क्वालिटी धीरे-धीरे इम्प्रूव होने लगेगी।
फायदेमंद साबित होगा स्लीप मेडिटेशन
रात में सोते समय स्लीप मेडिटेशन का अभ्यास कर आप अपनी नींद की गुणवत्ता को काफी हद तक सुधार सकते हैं। इसके लिए आपको अंधेरे कमरे में लेट जाना है। आप अपने फोन में कोई भी शांत या फिर स्पिरिचुअल या फिर रिलैक्सिंग म्यूजिक ऑन कर सकते हैं। अब आपको अपनी सांसों पर अपना सारा ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करनी है। यकीन मानिए स्लीप मेडिटेशन की मदद से आपको चुटकियों में नींद आ जाएगी।
मिलेंगे फायदे ही फायदे
स्लीप मेडिटेशन न केवल आपकी फिजिकल हेल्थ पर बल्कि आपकी मेंटल हेल्थ पर भी पॉजिटिव असर डालता है। सोने से पहले स्लीप मेडिटेशन का अभ्यास करने से आपका माइंड रिलैक्स हो जाएगा और आप स्ट्रेस फ्री यानी चैन की नींद सो पाएंगे। स्लीप मेडिटेशन आपकी गट हेल्थ को सुधारने में भी कारगर साबित हो सकता है। स्लीप मेडिटेशन की मदद से आपको अगली सुबह ऊर्जावान महसूस होगा और आपकी सारी थकान, चिड़चिड़ापन और कमजोरी दूर हो जाएगी।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
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